अधिवक्ताओं ने धरना—प्रदर्शन करके की नारेबाजी, न्यायालयों में हुई तालाबन्दी
अधिवक्ताओं ने अनिश्चितकालीन न्यायिक कार्य से विरत रहने का लिया निर्णय
विपिन मौर्य एडवोकेट
मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार व घूसखोरी के खिलाफ अधिवक्ताओं ने तहसील खुलते ही हंगामा शुरु कर दिया। अधिवक्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुये जुलूस निकाला।
सभी न्यायालयों में तालाबंदी करा दिया। अधिवक्ताओं ने बैठक कर अनिश्चित कालीन न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया।
बता दें कि स्थानीय तहसील सभागार में 5 जून को तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार, घुसखोरी सहित 15 बिदुओं पर समाधान के लिये अधिवक्ताओं व तहसील अधिकारियों के मध्य वार्ता हुई थी। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद ने राजस्व कर्मियों व अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार, अवैध धनउगाही की तरफ ध्यान आकृष्ट कराते हुये तत्काल समाधान की मांग किया था। मुख्य मांगों में धारा 24 हदबन्दी, धारा 116, धारा 67(1), धारा 30(2), धारा 32/38, बैनामों के दाखिल खारिज, वरासत, सभी न्यायालयों की अविवादित पत्रावलियों के तत्काल निस्तारण की मांग किया गया था।
उपजिलाधिकारी राजेश चौरसिया, तहसीलदार मूसा राम, नायब तहसीलदार सन्तोष कुमार आदि ने 15 बिन्दुओं के समाधान का आश्वासन दिया था। उपजिलाधिकारी ने राजस्व निरीक्षक व लेखपालों की टीम गठित कर लम्बित हदबंदी पूरा कर न्यायालय में फील्ड बुक के साथ रिपोर्ट दाखिल करने व अभियान चलाकर वरासत दर्ज कराने की बात कही और अवैध धनउगाही की शिकायत मिलने पर कार्यवाही का भी आश्वासन दिया था लेकिन वार्ता के नौ दिन बाद भी किसी बिन्दु पर अमल नहीं हुआ और न किसी के राजस्व कर्मी के विरुद्ध कार्यवाही ही हुई तो अधिवक्ता आक्रोशित हो गये। नारेबाजी व तालाब्ंदी के बाद अधिवक्ता भवन में साधारण सभा की बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी मांगों के निस्तारण तक अनिश्चित कालीन न्यायिक कार्य ठप्प रहेगा। 20 जून को फिर तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया जायेगा।
इस अवसर पर अध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद, महामन्त्री बनवारी राम मौर्य, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, जगदंबा प्रसाद मिश्रा, अशोक श्रीवास्तव, विपिन मौर्य, अनुराग श्रीवास्तव, सुरेश यादव, रतन लाल गुप्ता, योगेंद्र नाथ, बृजेश यादव, विनय मौर्य, संजय यादव, जितेंद्र यादव, अजय यादव, वीरेंद्र मौर्या, सुरेश मौर्य, गुलशन मौर्या, अच्छे लाल विश्वकर्मा, आलोक विश्वकर्मा, सरजू प्रसाद बिन्द, इंदू प्रकाश सिंह, भरत लाल यादव, आरपी सिंह, नागेन्द्र श्रीवास्तव, प्रेम बिहारी यादव, यज्ञ नारायण सिंह, सुरेश सिंह, भारत सिंह, जेपी दूबे, संजीव चौधरी, विकास यादव सहित तमाम अधिवक्तागण उपस्थित थे।