- फक्कड़ बाबा की स्मृति में हुई रामकथा
विवेक सिंह
सिरकोनी, जौनपुर। सई-गोमती के पवित्र संगम स्थल पर दो दिवसीय रामकथा के दूसरे दिन रविवार को अपने विशिष्ट शैली में प्रवचन कर प्रकाश चंद्र त्रिपाठी विद्यार्थी ने श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। राजेपुर रामेश्वर धाम के महंत फक्कड़ बाबा के देह छोड़ने के बाद उनकी आत्मशांति के क्रम में रामकथा का आयोजन चल रहा है।
प्रवचन करते हुए विद्यार्थी जी ने कहा कि जिस तरह से लक्ष्मण रेखा सीताजी की सुरक्षा के लिए था। ठीक उसी प्रकार से हर स्त्री को चाहिए कि वह परिवार के आदर्शों का हर हाल में पालन करे। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि सीता जी जैसे श्रृंगार करिए लेकिन उनके संस्कार को भी याद रखना चाहिए। श्रृंगार एक दिन के लिए सुंदर बनाता है और संस्कार पूरे जीवन को सुंदर बना देता है।
उन्होंने जटायु प्रकरण की भक्ति के प्रकार की सारगर्भित व्याख्या करते हुए सामिप्य, सानिध्य, सालोक्य, सायुज्य भक्ति की चर्चा की। भगवान राम ने गीधराज जटायु को इन चारो प्रकार की भक्ति दिया। इसीलिए गोस्वामी जी ने लिखा है कि धन्य जटायु सम कोउ नाहीं.., क्योंकि इसने रामकाज हेतु तन त्यागा, इसीलिए रामचरित मानस में सबसे सुंदर निर्वाण जटायु का बताया गया है।
कार्यक्रम आयोजन में सत्य प्रकाश सिंह, राजेश सिंह, डा. अजय सिंह, वीरेंद्र सिंह, प्रधान संजय सिंह, भानु प्रताप सिंह, शिव प्रकाश सिंह आदि का सक्रिय सहयोग रहा।इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख सिरकोनी वंशराज सिंह, डॉ अखिलेश सिंह, रणविजय सिंह, गोपाल सिंह, योगेश श्रीवास्तव, पूर्व प्रमुख आशुतोष सिंह, डॉ ओपी सिंह, धर्मराज यादव, राजू निषाद सहि तमाम लोग उपस्थित रहे।