सपा से 3 व भाजपा से 2 नाराज दावेदारों ने निर्दल किया नामांकन
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। स्थानीय नगर निकाय चुनाव को लेकर कहीं खुशी कहीं गम का माहौल है। सपा और भाजपा के कई सक्रिय कार्यकर्ता अध्यक्ष पद की दावेदारी कर पार्टी के लिए जनता जनार्दन से मिलकर अपनी अपनी बातें कह अध्यक्ष पद जिताने की अपील कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उन लोगों को टिकट न देकर दूसरे प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया जिससे आक्रोशित व नाराज होकर सपा से 3 तो भाजपा से 2 दावेदारों ने निर्दल प्रत्याशी के रूप नामांकन करते ही नगर निकाय चुनाव की सियासत तेज हो गई है।
शीर्ष नेतृत्व पर नाराजगी न जताते हुए पदाधिकारियों पर नाराज दावेदारों ने अपनी नाराजगी जताई। अब नाराज दावेदारों को मानने में पार्टी कितना कामियाब होती है यह तो आने वाले दिनों में पता चल जायेगा। मतदाताओं की अगर हम बात करें तो मतदाता असमंजस में है कि पार्टी व निर्दल में किसको मतदान करें। बता दें कि पिछले चुनाव में अध्यक्ष की कुर्सी पर निर्दल प्रत्याशी ने परचम लहराया था। बहरहाल देखना दिलचस्प हो कि पार्टी व निर्दल प्रत्याशी की जंग में कौन किसको शिकस्त देकर अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान होता है?
मनोज कमलापुरी ने कहा कि मैं भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता हूं। सक्रिय कार्यकर्ता वही होता है जो पार्टी के लिए 5 सालों का समय देता हो। मैंने तो पार्टी में 20 सालों का समय दिया है। मैंने पार्टी के लिए वोट निकालने से लेकर कई छोटे—बड़े पदों पर रहा हूं। मुझे विधायकी व सांसदी नहीं लड़नी थी। मुझे केवल नगर का सेवक बनाना था।इसलिए पार्टी से मैने नगर अध्यक्ष के लिए अपना प्रस्ताव भेजा था। मगर पार्टी ने हम पर विश्वास न करके अन्य को टिकट दिया जो पार्टी के लिए कभी सहयोग नहीं किये हैं और न ही कभी जनता के बीच में रहे। इससे मैं आहत होकर निर्दल प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन किया, क्योंकि मैं हमेशा नगर का सेवक रहा हूं और रात—दिन नगर के विकास के लिए प्रयासरत रहता हूं। नगर की जनता का प्यार व आशीर्वाद मिला तो नगर में विकास की गंगा बहा देंगे।
मीनू सेठ पत्नी प्रभाकर वर्मा ने बताया कि मेरा परिवार भाजपा की सदस्यता 1990 में लिया। तब से लेकर आज तक पार्टी के प्रति लगातार सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनाव जिला पंचायत चुनाव व अन्य चुनाव में पार्टी का प्रचार कर मेरा परिवार पार्टी के लिए वोट मांगने का काम किया। मगर इस वर्ष होने वाले निकाय चुनाव के लिए मेरे नाम का प्रस्ताव आलाकमान को भेजा गया था और मुझे भाजपा की तरफ से प्रबल दावेदारी की जा रही थी, मगर कुछ भाजपा पदाधिकारियों द्वारा किसी अन्य प्रत्याशी को टिकट दिलवाया गया जिसको लेकर मैं और मेरा परिवार काफी आहत में है। साथ ही कस्बे एवं भाजपा नगर इकाई में भारी रोष व्याप्त है जिस कारण मैंने निर्दल प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन किया। अगर मुझे नगर वासियों का प्यार व स्नेह मिला तो वर्षों से उपेक्षित पड़े नगर में विकास की गंगा बहेगी।
आजाद कुरैशी ने बताया कि सपा के कई पदाधिकारियों ने मुझे आश्वासन दिया कि एम—वाई का फैक्टर होने के साथ ही आप सपा के मूल वोटर हैं, इसलिए आपको टिकट मिलेगा। मगर मुझे टिकट न देकर किसी और को टिकट दिया गया जिससे आहत होकर मैंने निर्दल प्रत्याशी बनकर अपना नामांकन किया। मैं मजबूती के साथ चुनाव लडूंगा और जीतकर यह साबित कर दूंगा कि केराकत सीट हमारी है और यहां सिंबल काम नहीं आते हैं। सिंबल केवल बताने के लिए होते हैं। केराकत नगर बहुत बड़ा नहीं है। लोगों को मैं जानता हूं और लोग मुझे जानते हैं। मैं निर्दल प्रत्याशी हूं, इसलिए सिंबल बताने ने थोड़ा समय लगेगा, मगर हम अपनी मेहनत से लोगों को अपना सिंबल बताकर जीत हासिल करूंगा, क्योंकि पिछले चुनाव ने भी निर्दल प्रत्याशी की जीत हुई थी।
सपा नेता गोलू जायसवाल ने बताया कि मुझे पूरा विश्वास था कि पार्टी मुझे टिकट देंगी, मगर नही मिला। टिकट न मिलने से मैं आहत में हूं, क्योंकि नगर की जनता ने मुझे अपना प्रत्याशी मान चुकी थी जिस कारण मैंने निर्दल प्रत्याशी बनकर अपना नामांकन किया। नगर की जनता का प्यार स्नेह मिला तो नगर के विकास के लिए विकास की गंगा बहा देंगे।
शबनम नाज ने बताया कि समाजवादी पार्टी की मैं ईमानदार कार्यकर्ती हूंं। मेरा जीवन पार्टी के लिए समर्पित है। मैने जब पार्टी की सदस्यता ली हूं तब से पार्टी के लिए काम की हूं, मगर आज मुझे पार्टी ने अपना प्रत्याशी नहीं बनाया जिसको लेकर मैं आहत में हूं। मेरा शीर्ष नेतृत्व पर नाराजगी नहीं है, मगर कुछ पदाधिकारियों के कारण मुझे टिकट नहीं मिला जिसका मुझे मलाल है, इसलिए मैंने निर्दल प्रत्याशी बनकर नामांकन किया। नगरवासियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। अगर नगरवासियों का प्यार स्नेह मिला तो नगर में विकास की रूप रेखा बदल दूंगी। एक बात और मैं सपा कार्यकर्ती हूं और भविष्य में भी रहूंगी।